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बी. ए. इन अक्षरों ने मुझे निर्बल और कांतिहीन बना दिया है |
श्रीकंठ सिंह
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मैं भूपसिंह की चौथी , रूपवती और गुणवती बेटी हूँ |
आनंदी
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Okay!
मैं संयुक्त परिवार का उपासक हूँ |
श्रीकंठ सिंह
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Okay!
मैं द्वेषियों को ताली बज|ने का अवसर नहीं देना चाहता |
बेनीमाधव
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Okay!
लालबिहारी की शिकायत कर के मैं पछता रही हूँ |
आनंदी
Oops!
Okay!
मैं अनपढ़, दोहरे बदन का जवान हूँ |
लालबिहारी
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Okay!
मैं स्त्री का अपमान सहन नहीं कर सकता |
श्रीकंठ सिंह
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Okay!
भाई के मुँह से हृदयविदारक बात सुनकर मुझे ग्लानि हो रही है |
लालबिहारी
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Okay!
मैं किफ़ायत नहीं जानती |
आनंदी
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Okay!
गौरीपुर गाँव - जमींदार और नंबरदार
बेनीमाधव
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Okay!
मैं बड़े घर की संस्कारी बेटी हूँ |
आनंदी
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